आई0टी0आई0 वेल्डर के इस Chapter में आज मैं आपको Acetylene Gas (एसिटिलीन गैस) के बारे में विस्तार से समझाऊंगा। इसके बाद आप यह जान पाएंगे कि Acetylene Gas (एसिटिलीन गैस) क्या होती / होते है / होता है। और कितने प्रकार की होती है। इस Chapter को पढने के बाद आप Acetylene Gas (एसिटिलीन गैस) के बारे में विस्तार से जान जायेंगे। तो आप इस Chapter को ध्यान पूर्वक step by step पूरा जरूर पढ़े। मुझे आशा है कि इसको पढने के बाद आप बहुत अच्छी तरह से Acetylene Gas (एसिटिलीन गैस) के बारे बहुत अच्छे से समझ पाएंगे। तो चलिए आगे पढ़ना शुरू करते है।
Unit – 02
Lesson – 09
ACETYLENE GAS
(एसिटिलीन गैस)
Acetylene Gas:-
C2H2 गैस एक ज्वलनशील गैस है। जो ऑक्सीजन की सहायता से बहुत उच्च ताप की ज्वाला उत्त्पन्न करती है। क्योकि किसी अन्य ईधन गैस की अपेक्षा इसमें कार्बन की अधिक मात्रा (92.3%) होती है। ऑक्सी- एसिटिलीन ज्वाला का तापमान 3100 – 3300 °C तक होता है।
Composition of Acetylene Gas:-
एसिटिलीन गैस कार्बन तथा हाइड्रोजन का मिश्रण है। इसमें कार्बन की मात्रा 92.3% तथा हाइड्रोजन की मात्रा 7.7% होती हे। इसका रासायनिक सूत्र (Chemical Symbol) C2H2 हो जो यह दर्शाता है कि कार्बन के 2 परमाणु हाइड्रोजन के 2 परमाणुओं से जुड़े है।
C2H2 = C2 (24 भाग) + H2 (2 भाग)
Properties of Acetylene C2H2 Gas:-
(i) यह रंग हीन गैस है।
(ii) यह हवा से हल्की होती है। तथा वायु की तुलना में इसका विशिष्ठ घनत्व 0.9056 होता है ।
(iii) अशुद्ध एसिटिलीन में तीखी गंध (लहसुन) जैसी होती है। इस कारण इसका पहचान आसानी से हो जाती है।
(iv) यह O2 के साथ जलकर उच्च ताप पैदा करती है।
Qualities of Acetylene Gas:-
(i) अशुद्ध C2H2 तांवे के साथ क्रिया करके तांबा एसिटिलाइङ विस्फोटक यौगिक बनाती है। इस लिए C2H2 गैस के लिए तांवे के पाइप प्रयोग नहीं किये जाते है।
C2H2 + Copper = Copper Acetylide
(ii) यदि वायुमण्डल मे एसिटिलीन की मात्रा 40% हो जाएं तो श्वसन क्रिया में कठिनाई होगी।
(lii) यह उच्च दाव पर एकत्रित करने पर अस्थाई तथा असुरक्षित होती होती है।
(iv) मुक्त अवस्था में इसको 1 kg / cm² के दाव पर सुरक्षित रखा जा सकता है।
(v) सामान्य ताप, दाव (N.T.P.) पर इसका विशिष्ठ घनत्व भार 1.091 kg/cm² होता है।
(vi) इसका सामान्य ताप 20°c है तथा सामान्य दाव पारा की 760 mm या 1 kg / cm² है।
(vii) इसे उच्च दाव पर द्रव्य एसीटोन में घोला जा सकता है।
Normal Temperature Pressure (N.T.P.) पर द्रव्य एसीटोन का आयतन, एसिटिलीन के 25 आयतन को घोल सकता है। अर्थात 20°C ताप पर 15 kg/cm² दाव पर एसिटिलीन गैस के 25*15 = 375 आयतन घोल सकता है।
(ix) यह – 85°c से नीचे ठोस बन जाती है।
(x) एसिटिलीन के 1 भाग को पूर्ण रूप से जलने के लिए 2.5 भाग O2 की जरूरत होती है।
Note:- C2H2 सिलिण्डर के अन्दर C2H2 गैसे एसीटोन में घुली होती है। एसीटोन की एक भाग एसिटिलीन के 25 वे भाग को सोख या घोल लेता है। इसीलिए इसे DA (Dissolved Acetylene) Cylinder भी कहते है।
Production of Acetylene Gas:-
C2H2 Gas को बनाने की निम्न लिखित विधियां है:-
(i) Composition by Carbon and Hydrogen (कार्बन तथा हाइड्रोजन के संयोजन द्वारा):-
यह एक पुरानी विधि है। इस विधि में H2 के माध्यम से कार्बन के दो इलैक्ट्रोड़ों में विद्युत आर्क पैदा की जाती है। विद्युत आर्क के प्रभाव से हाइड्रोजन तथा कार्बन मिलकर C2H2 गैस बनाते हैं । इस विधि से बनी C2H2 गैस में कुछ भाग मीथेन तथा ऐथेन का भी होता है।
चित्र .
(ii) मीथेन गैस के विघटन द्वारा:-
इस विधि में मीथेन गैस को विघटित करके C2H2 गैस बनायी जाती है। जब मीथेन गैस को विद्युत आर्क से गुजारतें है। तो यह C2H2 मे विघटित हो जाती है इस क्रिया के में C2H2 तथा H2 दोनों ही जैसे प्राप्त होती है।
2CH4 + Heat = C2H2 + 3H2
Note:- आजकल यह विधि अधिक अपनायी जाती है।
(iii) कैल्शियम कार्बाइड (CaC2) द्वारा:-
कैल्शियम कार्बाइड को पानी के साथ क्रिया कराकर C2H2 जैसे बनायी जाती है। यह क्रिया एक विशेष प्रकार के जनरेटरों में की जाती है।
CaC2 + 2H2O = C2H2 + Ca(OH)2 (एसिटिलीन तथा कैल्शियम हाइड्रोक्साइड या बुझा हुआ चुना या कलाई)
CaC2 तथा पानी की क्रिया द्वारा C2H2 गैस उत्तपन्न होती है। गैस ऊपर टंकी मे एकत्रित हो जाती है। तथा केल्सियम हाइड्रोक्साइड या बुझा हुआ चूना या कलई [Ca(OH)2] कीचड़ के रूप मे जनरेटर के निचले हिस्से मे बैठ जाता है। यह विधि अधिकतर प्रयोग मे लायी जाती है।
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