आई0टी0आई0 वेल्डर के इस Chapter में आज मैं आपको Calcium Carbide (कैल्शियम कार्बाइड) के बारे में विस्तार से समझाऊंगा। इसके बाद आप यह जान पाएंगे कि Calcium Carbide (कैल्शियम कार्बाइड) क्या होते है। और कितने प्रकार की होती है। इस Chapter को पढने के बाद आप Calcium Carbide (कैल्शियम कार्बाइड) के बारे में विस्तार से जान जायेंगे। तो आप इस Chapter को ध्यान पूर्वक step by step पूरा जरूर पढ़े। मुझे आशा है कि इसको पढने के बाद आप बहुत अच्छी तरह से Calcium Carbide (कैल्शियम कार्बाइड) के बारे बहुत अच्छे से समझ पाएंगे। तो चलिए आगे पढ़ना शुरू करते है।
Unit no – 02
Lesson – 05
CALCIUM CARBIDE
(कैल्शियम कार्बाइड)
Definition (परिभाषा):-
कैल्शियम कार्बाइड पत्थर जैसे गैहरे ग्रे या भूरे रंग का रासायनिक मिश्रण होता है। यह पानी के साथ क्रिया करके ऐसिटिलीन (C2H2) गैस बनाता है।
Composition of calcium carbide (कैल्शियम कार्बाइड का संयोजन):-
कैल्शियम कार्बाइड एक रासायनिक मिश्रण है। इसमे कैल्शियम 62.5% एवं कार्बन 37.5% होता है। अर्थात 100 kg कैल्शियम कार्बाइड मे कैल्शियम 62.5 kg तथा कार्बन 37.5 kg होता है। इसका रासायनिक (Chemical symbol) सूत्र CaC2 होता है।
Properties of calcium carbide (कैल्शियम कार्बाइड के गुण):–
(i) यह पत्थर जेसे गैहरे ग्रे या भूरे रंग का मिश्रण होता है।
(ii) यह Brittle (भुरभुरा) होता है।
(iii) इसका घनत्व 2.22 से 2.26 g/c.c. होता है।
(iv) यह मिट्टी के तेल मे नहीं घुलता है।
(v) यह पानी के साथ क्रिया करके एसीटिलीन गैस बनाता है।
Production of calcium carbide:-
कैल्शियम कार्बाइड को बिजली की भट्टी (Electric furnace) मे कोक (कोयेला) coke तथा चूना (Lime) को सही अनुपात मे मिलाकर पिघलाकर बनाया जाता है। यदी एक मीट्रिक टन कैल्शियम कार्बाइड बनाने की आवश्यकता हो तो 950 kg से 1000 kg चूना (Lime) तथा 600 kg से 610 kg कोक तथा एंथ्रासाइट ओर 40 kg से 70 kg तक कार्बन इलैक्ट्रोड मटेरियल (Carbon electrode material) की आवश्यकता होती है। अगर एक kg शुद्ध केल्शियम कार्बाइड बनाना होतो 875 ग्राम कैल्शियम तथा 562 ग्राम कार्बन की आवश्यकता होती है।
Lime (चूना) + Coke (कोक) + heat (ऊष्मा) = Calcium carbide (कैल्शियम कार्बाइड) + Carbon monoxide (कार्बन मोनोक्साइड)
Types of calcium carbide production:-
कैल्शियम कार्बाइड बनाने के लिए बिजली की दो भट्टियों का प्रयोग किया जाता है।
(a) Carbon electrode furnace:–
यह एक विशेष प्रकार की भट्टी होती है। इसमे कार्बन के इलेक्ट्रोड लगे होते हें। एक मेट्रिक टन (1000 kg) कैल्शियम कार्बाइड बनाने के लिए 950 से 1000 kg चूना (Lime) 600 – 610 kg कोक या एंथ्रासाइट तथा 40 से 70 kg कार्बन इलेक्ट्रोड मटेरियल की अवश्यकता होती है। इसमे कार्बन इलेक्ट्रोड के द्वारा बिजली प्रवाहित की जाती है। भट्टी मे कार्बन इलेक्ट्रोड की तीव्र ऊष्मा के (3000 – 3600°c) कारण Lime (चूना) ओर Coke (कोक / कोयला) तरल मिश्रण बन जाता है, जिसे कैल्शियम कार्बाइड कहते हें।
Lime + coke + Heat = calcium carbide + carbon monoxide
इस क्रिया मे कार्बन मोनोक्साइड गैस बनती है। जो भट्टी के मुख मे जलती है। अब पिघले हुए कैल्शियम कार्बाइड को भट्टी से बाहर निकाल कर Ingots (इंनगोट्स) मे ढाला जाता है। फिर इन Ingots (इंनगोट्स) को क्रेसर मशीन द्वारा विभिन्न आकारों (Size) मे बना दिया जाता है।
(b)Tungsten electrode Furnace:-
इस भट्टी की बनावट ठीक कार्बन इलेक्ट्रोड भट्टी जैसी होती है। इसमे कार्बन इलेक्ट्रोड़ की जगह पर दो टंगस्टन इलेक्ट्रोड (Tungaten electrode) लगे होते हें। बाकी का तरीका कार्बन इलेक्ट्रोड जैसा ही है।
चित्र
(c) Construction of calcium carbide Furnace:–
कैल्शियम कार्बाइड की भट्टी की बाहरी सतह (Mild steel) की बनी होती है। लेकिन अंदर की सतह पर (Fire bricks) लगी होती है। Fire bricks मे ताप सहने की क्षमता अधिक होती है। इस Furnace के ऊपरी सतह पर दो चार्जिंग गेट लगे होते हें| इनके द्वारा मिश्रित चूना तथा कोयेला भट्टी मे डाला जाता है। इसमे टंगस्टन इलेक्ट्रोड या कार्बन इलेक्ट्रोड लगे होते हें। जिनके द्वारा बिजली प्रवाहित की जाती हे। टंगस्टन इलेक्ट्रोड या कार्बन इलेक्ट्रोड की ऊष्मा से भट्टी का तापमान 3000 – 3600°c तक पहुँच जाता है। जिससे कोयेला तथा चूना पिघल जाते हें। इस क्रिया मे कार्बन मोनोक्साइड (CO) गैस बनती है। जो बाहर आकर वातावरण की हवा को पिघले हुए चूने तथा कोयला मे मिश्रित नही होने देती। फिर पिघले हुए कैल्शियम कार्बाइड को नीचे लगे गेट से बाहर निकाल कर Ingots (इंनगोट्स) मे ढाल देते हें।
Grades / sizes of calcium carbide:-
ठोस कैल्शियम कार्बाइड काफी बड़ा होता है। जिससे उसको आसानी से प्रयोग नही किया जा सकता। इसलिए इसको एक क्रैशर मशीन की सहायता से तोड़ा जाता है। ओर फिर इस टूटे हुए कैल्शियम कार्बाइड को कई साइज़ की छलनी या जाली मे होकर निकालते हें। इस तरह यह कई साइज़ मे बन जाता है। यह निम्न प्रकार के Size मे मिलता है।
(a) Lump size:–
यह 90 mm से छोटा तथा 50 mm से बड़ा होता है। इसका प्रयोग Low pressure generator (Water to carbide ) में किया जाता है।
(b) EGG Size:-
इसकी बनावट अंडे के आकार की तरह होती है। इसका प्रयोग भी Low pressure generator (Water to carbide) मे किया जाता है।
(c) Nut – 14 NDT Size:–
इसका आकार काफी छोटा होता है। इसका उपयोग Medium pressure generator (Carbide to water) मे किया जाता है। ओर एसिटिलीन गैस बनाई जाती है।
(d) Rice Size:-
इसका साइज़ चावल के समान होता है। इसका प्रयोग भी Medium pressure generator (Carbide to water) मे किया जाता है।
Safety precaution for handling and storage of calcium carbide (कैल्सियम कार्बाइड को सुरक्षित रखना):-
कैल्सियम कार्बाइड को सुरक्षित रखने के लिए निम्न सावधानियों को ध्यान में रखना चाहिए।
(a) कैल्सियम कार्बाइड (CaC2) को Air Tight डिब्बों मे बंद करके रखना चाहिए, नही तो यह वायुमंडल की नमी से क्रिया करके Acetylene gas (C2H2) गैस उत्पन्न करेगा। जिससे दुर्घटना हो सकती है। इस क्रिया को रोकने के लिए Lump size के CaC2 को मिट्टी के तेल में डुबोकर रखना चाहिए। क्योकि CaC2 के बाहरी तरफ लगा मिट्टी का तेल नमी से बचाता है।
(b) CaC2 को Store करने के स्थान मे पानी की पाइप लाईन तथा उच्च तापमान नही होना चाहिए।
(c) Cac2 के भंडारण कक्ष मे CO2 Fire Extinguisher तथा बालू की भरी बाल्टी होनी चाहिए।
(d) Cac2 को अंधेरे कमरे मे बंद करके रखना चाहिए।
(e) Cac2 को चिंगारी आदि से दूर रखना चाहिए।
(f) हमेशा CaC2 भरे हुए ड्रमों को खोलने के लिए पीतल की छेनी का प्रयोग करना चाहिए। जिससे Sparking न हो।
(g) Cac2 को ज़मीन से 1-2 फुट की ऊंचाई पर रखना चाहिए। जिससे उसे नमी न मिल सके।