आई0टी0आई0 वेल्डर के इस Chapter में आज मैं आपको Chemistry of Oxy-Acetylene flame के बारे में विस्तार से समझाऊंगा। इसके बाद आप यह जान पाएंगे कि Chemistry of Oxy-Acetylene flame क्या होता है। और कितने प्रकार की होती है। इस Chapter को पढने के बाद आप Chemistry of Oxy-Acetylene flame के बारे में विस्तार से जान जायेंगे। तो आप इस Chapter को ध्यान पूर्वक step by step पूरा जरूर पढ़े। मुझे आशा है कि इसको पढने के बाद आप बहुत अच्छी तरह से Chemistry of Oxy-Acetylene flame के बारे बहुत अच्छे से समझ पाएंगे। तो चलिए आगे पढ़ना शुरू करते है।
Unit no – 02
Lesson no – 04
CHEMISTRY OF OXY-ACETYLENE FLAME
(ऑक्सी-एसीटिलीन फ्लेम की रासायनिक अभिक्रिया)
चित्र
Definition:-
ऑक्सी–एसीटिलीन फ्लेम मे रासायनिक अभिक्रिया होने के कारण इसे ऑक्सी–एसीटिलीन फ्लेम की रासायनिक अभिक्रिया (Chemistry of Oxy-Acetylene flame) कहते हैं । फ्लेम का तापमान फ्लेम मे उपस्थित Oxygen (O2) तथा Acetylene (C2H2) की मात्रा पर निर्भर करता है । रसायनिक क्रिया के अनुसार फ्लेम तीन भागों मे अलग अलग भाग मे दिखाई देता है।
(i) First zone :– इनर कोन (cooler zone)
(ii) Second zone :– Reducing zone
(iii) Third zone :– Outer Envelope zone
Inner cone (इनर कोन):-
यह ज्वाला का पहला भाग देखने मे शंकु के आकार का होता है । इस क्षेत्र को ठंडे भाग से भी जाना जाता है । क्योकि अन्य भागों की अपेक्षा इसमे तापमान कम होता है ।
Primary combustion (प्राथमिक दहन):-
इसमे एक आयतन Oxygen (O2) तथा एक आयतन Acetylene (C2H2) मिलकर जलते हैं, तो कार्बन मोनोक्साइड (CO) तथा एक आयतन हाइड्रोजन (H2) तथा heat (उष्मा) उत्तपन होती है कार्बन मोनो आक्साइड O2 को कम करती है । इसलिए इसे ऑक्साइड कम करने वाला क्षेत्र भी कहते हैं । यह क्षेत्र इनर कोन से 3-5 mm दूरी पर होता है । यहाँ पर इसका तापमान सबसे अधिक होता है।
C2H2 + O2 = 2CO + H2 + Heat
Secondary combustion (द्वितीयक दहन):-
इस क्षेत्र मे भी ज्वलनशीलता व रासायनिक अभिक्रिया होती है। Primary combustion क्षेत्र मे उत्तपन हुए दो आयतन कार्बन मोनोक्साइड तथा एक आयतन हाइड्रोजन वातवरण से 1.5 आयतन Oxygen (O2) के साथ जलती है| तो 2 आयतन कार्बन डाई आक्साइड (CO2) तथा एक आयतन जलवाष्प बनाती है। और heat (उष्मा) उत्तपन्न होती है।
2CO + H2 + 1.5O2 = 2CO2 + H2O + Heat
Chemistry Reaction (रासायनिक अभिक्रिया):–
सबसे पहले C2H2 Control value को खोलकर Tip पर C2H2 को जलाया जाता है उसका समय अकेली Acetylene (C2H2) वातावरण की 1.5 आयतन Oxygen (O2) के साथ मिलकर जलती है| लेकिन वातावरण की 1.5 आयतन O2 ही काफी नही होती। इसलिए ज्वाला से काला धूआँ निकलता है। तब Welding blow pipe (ब्लो पाइप) के O2 control valve को खोलकर O2 ज्वाला मे मिलने के बाद सही अनुपात बनाती है, और ज्वाला का काला धूआं भी गायब हो जाता है। और उच्चतम ताप उत्तपन्न होता है। Inner cone मे C2H2 गैस कार्बन तथा हाइड्रोजन मे विभाजित हो जाती है। C2H2 + Heat = C2 + H2
कार्बन सिलेन्डर द्वारा दी गई O2 के साथ क्रिया करके 2 आयतन कार्बन मोनोक्साइड बनाती है। C2 + H2 + O2 = 2CO + H2 + Heat तथा 1 आयतन हाइड्रोजन और heat (उष्मा) उत्तपन्न होती है। कार्बन मोनो आक्साइड (CO) एक गैस है। ओर यह ऑक्सीकरण को रोकती है। Secondary Zone का क्षेत्र Inner cone से 3-5 mm दूरी मे होता है और इसका क्षेत्र का ताप 3100 – 3300°c होता है।
दूसरे भाग मे 2 आयतन कार्बन मोनो आक्साइड तथा एक आयतन हाइड्रोजन ज्वाला के तीसरे भाग मे प्रवेश करती है। 2 आयतन कार्बन मोनो आक्साइड तथा एक आयतन हाइड्रोजन वातावरण की 1.5 आयतन O2 के साथ क्रिया करके 2 आयतन कार्बनडाई आक्साइड तथा एक आयतन जलवाष्प बनाती है, और ताप उत्तपन्न करती है।
2CO + H2 +1.5O2 = 2CO2 + H2O + Heat
(1) First zone :- C2H2 + वातावरण की ऑक्सीज़न
(2) Second zone :- C2H2 + O2 = 2CO + H2 + Heat
(3) Third Zone :- 2CO + H2 +1.5O2 = 2CO2 + H2O + Heat